गुड फ्राइडे खुशी नहीं शोक मनाने का दिन है: लार्जर रंजीत सेन

गुड फ्राइडे खुशी नहीं शोक मनाने का दिन है: लार्जर रंजीत सेन

Pnn/Faridabad: बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष पादरी लाजर रन्जीत सेन ने प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हुए कहा कि गुड फ्राइडे का दिन प्रभु यीशु मसीह के समस्त मानव जाति के लिए बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ही यीशू मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है लेकिन आपको बता दें यह खुशी का दिन नहीं है. बल्कि शांति और शोक मनाने का है। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। लोग यीशू मसीह के लिए उपवास भी रखते हैं। लोग दान-पुण्‍य करते हैं और बढ़-चढ़कर अच्‍छे काम करते हैं। साथ ही इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण किया जाता है। ईसाई धर्म में पवित्र सप्ताह की मान्यता है। इस सप्ताह में 3 त्योहार मनाए जाते हैं। सबसे पहले रविवार को पाम संडे कहते हैं। कहते हैं इसी दिन प्रभु यीशु ने यरुशलम में प्रवेश किया था। इस सप्ताह में आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे कहते हैं और इसके बाद आने वाले रविार को ईस्टर संडे कहते हैं। बाइबल में बताया गया है कि करीब 6 घंटों तक यीशु मसीह को सूली पर लटका कर कीलें से ठोकी गई थी। यह सब होने के आखिरी 3 घंटे में चारों तरफ अंधेरा हो गया था और जैसे ही यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए, तब कब्रे टूटने की आवाजें आने लगीं। मृत्यु के 3 दिन बाद रविवार के दिन यीशु मसीह का दोबारा जी उठे। इसलिए यह दिन ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

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